बॉलीवुड स्टार सैफ अली खान और करीना कपूर के बेटे तैमूर अली खान शुरू से मीडिया की नज़रों में रहे हैं। उनके छोटे-छोटे हरक़तें और उनका स्टाइल सोशल मीडिया पर चर्चाओं का विषय रहता है। तैमूर जितने क्यूट हैं, उतना ही उनकी लाइफस्टाइल भी खास है। उनकी स्कूल ड्रेस, जूतें, और यहाँ तक कि उनका बैग भी ज्यादातर लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचता है।
हाल ही में एक बार फिर तैमूर का नाम उनके बैग को लेकर चर्चा में आया। बताया जाता है कि यह बैग इतना महंगा है कि आम आदमी की कई सालों की कमाई के बराबर है। ऐसे में लोग जानना चाहते हैं कि आखिर तैमूर के कंधे पर लटकता यह बैग है कौन-सा, इसकी कीमत कितनी है, और क्या वाकई इसकी कीमत आम लोगों के लिए एक सपना जैसा है।
Taimur Bag 2025
तैमूर अली खान जब भी स्कूल जाते हैं, उनके साथ उनका कंधे पर लटका बैग हमेशा दिखाई देता है। रिपोर्ट्स के मुताबिक़, यह बैग कोई आम बैग नहीं, बल्कि एक मशहूर ब्रांड का कस्टमाइज्ड बैग है, जिसमें उनका नाम भी खास तौर पर लिखा गया है। कुछ मौकों पर तैमूर को Rosada Canvas Backpack या फिर अंतरराष्ट्रीय डिजाइनर ब्रांड्स जैसे डिओर या गूची जैसे महंगे बैग्स के साथ स्पॉट किया गया है।
ऐसे ब्रांडेड और कस्टमाइज्ड बैग की कीमत लाखों में होती है। कई मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, ऐसे बैग्स की कीमत 1 लाख से लेकर 3-4 लाख रुपये तक हो सकती है। सोशल मीडिया पर ऐसी कई तस्वीरें वायरल होती रही हैं, जिसमें तैमूर के बैग्स को लेकर लोग चर्चा करते हैं कि आम आदमी की पांच साल तक की कमाई जितने पैसे में तैमूर के कंधे पर एक बैग लटक रहा है।
क्या यह कोई सरकारी योजना है?
यहाँ स्पष्ट कर दें कि तैमूर के महंगे बैग को लेकर किसी भी प्रकार की सरकारी योजना या स्कीम नहीं है। यह पूरी तरह से एक निजी, सेलिब्रिटी फैमिली की पसंद है, जिसमें वे अपने बच्चे के लिए इंटरनेशनल ब्रांड्स के प्रोडक्ट्स खरीदते हैं। आमतौर पर आम बच्चों के लिए सरकार या राज्य सरकारें अलग-अलग योजनाओं के तहत फ्री या सस्ता बैग, किताबें आदि देती हैं, ताकि समाज के कमजोर वर्ग के बच्चों को भी अच्छी शिक्षा मिल सके। लेकिन तैमूर अली खान का बैग ऐसी किसी सरकारी या सामाजिक योजना का हिस्सा नहीं है।
अगर आप सरकार की योजनाओं की बात करें, तो कई राज्यों में बच्चों को मुफ्त स्कूल बैग, किताबें, यूनिफार्म और यहां तक कि मिड-डे मील भी दिया जाता है। इन योजनाओं का उद्देश्य गरीब और जरूरतमंद बच्चों को शिक्षा के लिए जरूरी समान उपलब्ध कराना है। पर तैमूर के कंधे पर जो लाखों का बैग है, उसका इन सरकारी योजनाओं से कोई संबंध नहीं है।
महंगे बैग्स क्यों चर्चा में रहते हैं
सोशल मीडिया और पत्रकारिता में स्टार किड्स के फैशन आइटम्स अकसर सुर्खियों में रहते हैं। आम बच्चों की तुलना में इन बच्चों के पास इंटरनेशनल ब्रांड्स की चीजें होती हैं, यही वजह है कि उनके कपड़े या बैग लाखों-करोड़ों की कीमतों के साथ चर्चा में आ जाते हैं। देखा जाए तो, भारत में एक मध्यमवर्गीय व्यक्ति की औसत सालाना कमाई 1-3 लाख रुपये के बीच होती है। तब ऐसे में जब किसी बच्चे का बैग ही इतनी या इससे ज्यादा कीमत का हो, तो यह लोगों को चौंकाता है।
तैमूर के बैग के मामले में भी यही वजह है कि लोग इसे आम आदमी की पांच साल की कमाई जितना महंगा कहकर सोशल मीडिया पर इसकी चर्चा करते हैं।
तैमूर की पॉपुलैरिटी और ब्रांड की मार्केटिंग
तैमूर की पॉपुलैरिटी का असर इतना अधिक है कि कई कंपनियां उनके इस्तेमाल किए गए बैग, खिलौने या कपड़ों जैसे प्रोडक्ट्स को अपनी मार्केटिंग में भी इस्तेमाल करती हैं। कई बार तो तैमूर के नाम से डॉल (गुड़िया) भी मार्केट में आ चुकी हैं।
ऐसे महंगे ब्रांड्स बच्चों के लिए खास तौर पर कस्टम-बेग, पर्सनलाइज्ड कपड़े, आदि बनाते हैं जिनकी कीमत आम प्रोडक्ट्स से कहीं अधिक होती है। आमतौर पर इन ब्रांड्स की मार्केटिंग भी बॉलीवुड सितारों और उनके बच्चों के जरिए ही होती है।
आम आदमी और बच्चों के लिए बैग्स पर योजनाएं
जहां एक तरफ अमीर और सेलिब्रिटी फैमिलीज़ अपने बच्चों के लिए लाखों के बैग खरीद सकती हैं, वहीं सरकार की योजनाएं उन बच्चों के लिए हैं जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं। भारत के कई राज्य सरकारें बच्चों को फ्री स्कूल बैग्स, यूनिफॉर्म्स और स्टडी मटेरियल देने की योजना चलाती हैं। इसका उद्देश्य है कि किसी भी बच्चे को आर्थिक समस्या के कारण शिक्षा से वंचित न होना पड़े।
इन योजनाओं के तहत बैग्स की कीमत अमूमन 200 से 700 रुपये के बीच होती है, जिसमें जरूरत के हिसाब से किताबें, स्टेशनरी आदि भी दी जाती है। ऐसे में तैमूर के कंधे पर लटकता लाखों का बैग सिर्फ उनकी स्टार फैमिली की लाइफस्टाइल को दर्शाता है, इससे आम योजनाओं का कोई लेना-देना नहीं है।
निष्कर्ष
तैमूर के कंधे पर लटकता लाखों का बैग जिनकी चर्चा मीडिया में आम आदमी की 5 साल की कमाई जितनी लागत के रूप में होती है, वह किसी सरकारी योजना का हिस्सा नहीं है। यह पूरी तरह से उनकी फैमिली का पर्सनल और ब्रांडेड लाइफस्टाइल का उदाहरण है। आम जनता के बच्चों के लिए सरकार अपनी योजनाओं के तहत मुफ्त या सस्ते बैग उपलब्ध कराती है, जबकि सेलिब्रिटी बच्चों के लिए ऐसी कीमतें सिर्फ ब्रांड और शो ऑफ का हिस्सा हैं।