PM Dhan Dhanya Krishi Yojana 2025: 2 लाख रुपए तक लाभ, जानिए 5 जरूरी बातें

Published On: August 11, 2025
PM Dhan Dhanya Krishi Yojana 2025

प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना एक महत्वाकांक्षी सरकारी योजना है जिसका लक्ष्य भारत के कृषि क्षेत्र को सशक्त बनाना और किसानों की आय में वृद्धि करना है। यह योजना 2025-26 से शुरू होकर अगले छह वर्षों तक चलेगी और इसमें कमजोर प्रदर्शन कर रहे 100 जिलों को शामिल किया जाएगा। खेती की उत्पादकता बढ़ाने, फसल विविधता को प्रोत्साहित करने, सिंचाई सुविधाओं में सुधार लाने और किसानों को आसान क्रेडिट उपलब्ध कराने जैसे कई पहलुओं पर केंद्रित है।

इस योजना के अंतर्गत कृषि में नई तकनीकों को अपनाने और आधुनिक कृषि पद्धतियों को बढ़ावा देने का भी उद्देश्य है। भारत सरकार ने इस योजना के लिए हर साल 24,000 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया है। योजना की खास बात यह है कि यह कृषि क्षेत्र की विभिन्न चुनौतियों से निपटने के लिए 11 मंत्रालयों के तहत आने वाली 36 योजनाओं को एक साथ जोड़कर कार्यान्वित की जाएगी।

इससे न केवल फसल उत्पादन में सुधार होगा बल्कि पशुपालन, मत्स्य पालन, मधुमक्खी पालन, और कृषि वानिकी जैसे सहायक क्षेत्रों का भी विकास होगा। योजना केंद्र और राज्य सरकारों के सहयोग से लागू की जाएगी और प्रगति की निगरानी एक डिजिटल डैशबोर्ड के माध्यम से की जाएगी।

PM Dhan Dhanya Krishi Yojana 2025

प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना (PM Dhan-Dhaanya Krishi Yojana) कृषि क्षेत्र को बहुआयामी तौर पर विकसित करने के लिए बनाई गई एक सुव्यवस्थित योजना है। इसका मुख्य उद्देश्य 100 उन जिलों का विकास करना है जहां कृषि उत्पादकता कम है, फसल घनत्व (कृषि भूमि पर फसलों की संख्या) सीमित है, और किसानों को वित्तीय सुविधाएं कम मिल रही हैं। सरकार ने इस योजना को उन जिलों पर केंद्रित किया है जहां कृषि का उत्पादन और किसानों की आमदनी बढ़ाने की सबसे ज्यादा जरूरत है।

यह योजना पूरे देश के किसानों के लिए एक बड़ा सहयोग प्रदान करती है। इसमें कृषि से जुड़ी हर जरूरी जरूरतों का समाधान शामिल किया गया है, जैसे कि सिंचाई की बेहतर व्यवस्था, फसल भंडारण के लिए बुनियादी ढांचे का विकास, और किसानों के लिए दीर्घकालिक और अल्पकालिक क्रेडिट की सुविधा।

योजना का उदय न केवल उत्पादकता बढ़ाने के लिए है बल्कि किसानों की रोजी-रोटी और जीवन स्तर में सुधार लाने के लिए भी किया गया है। इसके अलावा, फसल विविधता को बढ़ावा देकर, यह किसानों को एक ही फसल पर निर्भर रहने से बचाता है जिससे उनकी आर्थिक सुरक्षा में सुधार होता है।

योजना के मुख्य उद्देश्य और लाभ

इस योजना के मुख्य उद्देश्य हैं –

  • कृषि उत्पादकता को बढ़ाना ताकि किसान अधिक उपज पा सकें।
  • फसल विविधता और सतत कृषि पद्धतियों को अपनाना, जिससे पर्यावरण संरक्षण भी हो।
  • पंचायत और ब्लॉक स्तर पर बाद में फसल को सुरक्षित रखने के लिए भंडारण की सुविधाओं का निर्माण करना।
  • सिंचाई की बेहतर व्यवस्था के लिए सतत विकास को प्रोत्साहित करना।
  • किसानों को क्रेडिट की उपलब्धता सुनिश्चित करना ताकि वे निवेश कर सकें और कृषि को आधुनिक बना सकें।

सरकार इस योजना के माध्यम से लगभग 1.7 करोड़ किसानों को लाभ पहुंचाने का लक्ष्य रखती है। यह योजना पारंपरिक खेती को छोड़ कर नई तकनीकों और बाजार आधारित उपायों को अपनाने पर जोर देती है। योजना का क्रियान्वयन एक ‘जिला समिति’ के माध्यम से होगा जो राज्य और राष्ट्रीय स्तर की समितियों से भी जुड़ी होगी। इससे योजना की प्रभावशीलता और विकेंद्रीकृत विकास की गारंटी मिलती है।

आवेदन और लाभार्थी

प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना का लाभ वे किसान उठा सकते हैं जो इन 100 चयनित जिलों में कृषि कार्य करते हैं। योजना के अंतर्गत किसानों को उनके क्षेत्र के आधार पर सहायता और सुविधाएं दी जाएंगी। आवेदन प्रक्रिया संबंधित राज्य सरकार और कृषि विभाग की वेबसाइटों पर उपलब्ध होगी। किसानों को सलाह दी जाती है कि वे अपने नजदीकी कृषि कार्यालय या पंचायत से संपर्क करें ताकि सही जानकारी और आवेदन में सहायता मिल सके।

आवेदन करने के लिए किसान को कुछ दस्तावेज जैसे किसान पहचान पत्र, भूमि रजिस्ट्रेशन या खेती से जुड़ा कोई प्रमाण पत्र देना होगा। योजना के तहत किसानों को कृषि उपकरण, बीज, सिंचाई सुविधाएं, तकनीकी प्रशिक्षण, और क्रेडिट के लिए आवेदन करने की अनुमति मिलेगी। जैसे-जैसे योजना लागू होगी, राज्य सरकारें किसानों को सूचना और सहायता देगी जिससे योजना का फायदा सीधे किसानों तक पहुंचे।

योजना की कहानियां और प्रभाव

प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना से जुड़ी कई कहानियां और सफलताएं आने वाले वर्षों में सामने आएंगी। राज्यों के कमजोर कृषि जिलों में जो अब तक पिछड़ गए थे, वहां कृषि की गुणवत्ता और पैदावार में जबरदस्त बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है। इससे किसानों की आमदनी में सुधार होगा और वे आत्मनिर्भर बनकर देश की कृषि अर्थव्यवस्था को मजबूत करेंगे।

किसानों को साथ लेकर चलने वाली यह योजना, भारतीय कृषि के लिए एक नई क्रांति की शुरुआत है। इसका प्रभाव केवल किसानों तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि इससे कृषि से जुड़े अन्य उद्योगों और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी। साथ ही यह योजना किसानों को बंधुआ ऋण से मुक्त कर, उनकी क्रेडिट पहुंच को बेहतर बनाकर स्वावलंबन की तरफ ले जाएगी।

निष्कर्ष

प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना भारत के कृषि क्षेत्र को नई दिशा देने वाली एक महत्वपूर्ण पहल है। यह योजना किसानों की आय बढ़ाने, कृषि की उत्पादकता सुधारने और सतत विकास को प्रोत्साहित करने में सहायक साबित होगी। इससे भारतीय किसान और देश दोनों को कृषि क्षेत्र में मजबूत और समृद्ध भविष्य की ओर बढ़ाव मिलेगा।

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