Old Pension Scheme 2025: 30 साल काम, अब 50% Salary पेंशन में, मौका हाथ से न जाने दें

Published On: August 19, 2025
Old Pension Scheme 2025

देश के सरकारी कर्मचारियों के लिए एक बड़ी खुशखबरी सामने आई है। लंबे समय से पेंशन व्यवस्था को लेकर कर्मचारियों के बीच बहस चल रही थी, खासकर नई पेंशन स्कीम और पुरानी पेंशन स्कीम के फर्क को लेकर। अब सरकार ने इसमें अहम बदलाव का ऐलान किया है, जिसके तहत कर्मचारियों को 30 साल सेवा पूरी करने पर उनकी आखिरी तनख्वाह का 50% पेंशन के रूप में मिलेगा।

यह बदलाव कर्मचारियों के भविष्य को अच्छी सुरक्षा और स्थिरता देने वाला है। पहले की तुलना में अब ज्यादा स्पष्ट प्रावधान दिए गए हैं ताकि रिटायरमेंट के बाद कर्मचारी आर्थिक रूप से मजबूत और निश्चिंत रहें। इसका सीधा लाभ लाखों केंद्रीय कर्मचारियों और उनकी परिवारिक सुरक्षा पर होगा।

पेंशन नियमों को लेकर समय-समय पर संशोधन होते रहे हैं, लेकिन ‘ओल्ड पेंशन स्कीम’ यानी पुरानी पेंशन योजना की मांग हमेशा से मजबूत रही है। कर्मचारी संगठन लगातार इसकी बहाली पर जोर देते रहे हैं, और अब जो प्रावधान लागू हुआ है वह लगभग पुरानी पेंशन स्कीम के ही समान दिखाई दे रहा है।

Old Pension Scheme 2025

पुरानी पेंशन स्कीम एक ऐसी व्यवस्था थी जिसमें सरकारी कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद हर महीने उनकी अंतिम सैलरी का एक निश्चित हिस्सा पेंशन के रूप में दिया जाता था। यह पूरी तरह से सरकार द्वारा वित्तपोषित योजना थी।

इस स्कीम की सबसे बड़ी खासियत यह थी कि पेंशन जीवनभर मिलती थी और हर साल महंगाई भत्ता (DA) भी इसमें जोड़ा जाता था। इस वजह से सेवानिवृत्त कर्मचारियों को कभी भी महंगाई से संबंधित आर्थिक दिक्कत नहीं होती थी। इसे कर्मचारियों के लिए “जीवनभर की गारंटी” माना जाता था।

2004 से नई पेंशन स्कीम (NPS) लागू की गई थी, जिसमें कर्मचारियों को अपनी सैलरी का कुछ हिस्सा पेंशन फंड में डालना पड़ता है और रिटायरमेंट के बाद उन्हें एकमुश्त राशि और मासिक पेंशन मिलती है। लेकिन इस स्कीम की सबसे बड़ी कमी थी कि इसमें पेंशन की गारंटी और निश्चित रकम तय नहीं थी।

30 साल सेवा पर 50% पेंशन

हाल ही में सामने आए नियम के अनुसार, अब कोई कर्मचारी यदि 30 साल तक नौकरी पूरी करता है तो उसे उसकी अंतिम बेसिक सैलरी का 50% पेंशन के रूप में दिया जाएगा।

इस नियम से कर्मचारियों को स्पष्टता मिलेगी कि रिटायरमेंट के बाद उनकी मासिक आय कितनी होगी। पहले जहां NPS में बाजार की स्थिति और निवेश के आधार पर पेंशन तय होती थी, वहीं अब निश्चित 50% पेंशन से स्थिरता आएगी।

सरकार ने इस नियम को लागू करके लाखों कर्मचारियों का विश्वास जीतने की कोशिश की है, क्योंकि NPS को लेकर लंबे समय से असंतोष देखने को मिल रहा था।

कर्मचारियों के लिए फायदे

इस नए प्रावधान के बाद कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति के बाद आय की चिंता नहीं करनी पड़ेगी। 30 साल तक सेवा देने वाले केंद्रीय कर्मचारी इस नियम से पूरी तरह लाभान्वित होंगे।

उनकी पेंशन हर महीने तय होगी और इसमें महंगाई भत्ता (DA) भी शामिल होगा। इसका मतलब है कि महंगाई बढ़ने पर पेंशन भी उसी अनुपात में बढ़ेगी। यह सुविधा पहले केवल OPS (पुरानी पेंशन स्कीम) में होती थी, जिसे अब वापसी मिलती दिखाई दे रही है।

इसके अलावा पेंशन के साथ-साथ परिवार पेंशन का भी प्रावधान रहेगा। यदि किसी कर्मचारी का निधन हो जाता है तो उसके आश्रित को यह पेंशन मिलती रहेगी। इससे परिवार की आर्थिक सुरक्षा भी सुनिश्चित होगी।

सरकार के लिए चुनौती

एक तरफ यह फैसला कर्मचारियों के लिए राहत भरा है, तो सरकार के लिए वित्तीय चुनौती भी है। OPS या इसी तरह की निश्चित पेंशन स्कीम का मतलब है कि करोड़ों रुपये का खर्च सीधे सरकारी खजाने से जाएगा।

नई पेंशन स्कीम (NPS) की सबसे बड़ी वजह यही थी कि सरकार अपने ऊपर वित्तीय बोझ कम कर सके। लेकिन कर्मचारियों के लगातार दबाव और आंदोलन के कारण सरकार को इसमें बदलाव करना पड़ा।

अब सरकार को दोनों व्यवस्थाओं में संतुलन बनाना होगा ताकि कर्मचारियों को भी सुरक्षा मिले और सरकारी वित्तीय स्थिति पर भी असर न पड़े।

राज्यों में OPS की वापसी

गौर करने वाली बात यह है कि सिर्फ केंद्र ही नहीं, कई राज्यों ने भी OPS लागू किया है। राजस्थान, छत्तीसगढ़, हिमाचल प्रदेश और पंजाब जैसे राज्यों ने पहले ही OPS को बहाल कर दिया है। वहां के कर्मचारियों को पुरानी पेंशन स्कीम के तहत लाभ मिल रहा है।

केंद्रीय कर्मचारियों के लिए नया नियम भी उसी दिशा में एक बड़ा कदम है, जिससे उनकी पेंशन सुनिश्चित हो और सेवा अवधि के बाद उन्हें किसी आर्थिक समस्या का सामना न करना पड़े।

लागू होने की प्रक्रिया

इस नियम का सीधा लाभ वही कर्मचारी ले पाएंगे जिन्होंने 30 साल की सेवा पूरी की है। इसका मतलब है कि जिनका कार्यकाल अभी चल रहा है, उन्हें भविष्य में इसके अनुसार पेंशन मिलेगी।

आवेदन की प्रक्रिया वैसे ही होगी जैसी अभी पेंशन के लिए होती है। सेवानिवृत्ति से पहले विभाग की ओर से पेंशन संबंधी दस्तावेज पूरे किए जाएंगे और सेवा अवधि के आधार पर पेंशन तय कर दी जाएगी।

रिटायरमेंट के बाद कर्मचारियों के खाते में हर महीने तय रकम आएगी और इसका प्रबंधन सरकार सीधे करेगी। इस तरह कर्मचारियों को यह चिंता नहीं होगी कि उनका निवेश किस ओर जा रहा है या बाजार की गिरावट से कितना नुकसान होगा।

निष्कर्ष

केंद्रीय कर्मचारियों के लिए 30 साल सेवा के बाद 50% पेंशन की घोषणा काफी बड़ी राहत है। इससे वे अब रिटायरमेंट के बाद आर्थिक रूप से सुरक्षित और निश्चिंत रहेंगे।

यह नियम लगभग पुरानी पेंशन स्कीम जैसा ही है और इसे OPS की वापसी की दिशा में अहम कदम माना जा रहा है। सरकार का यह फैसला लाखों कर्मचारियों और उनके परिवारों के लिए जीवनभर का सहारा बनेगा।

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