देश के विकास में नेशनल हाईवे यानी राष्ट्रीय राजमार्गों का बड़ा योगदान है। ये हाईवे देश के अलग-अलग हिस्सों को जोड़ते हैं और व्यापार व यात्रा के लिए महत्त्वपूर्ण होते हैं। हाल ही में सरकार ने नेशनल हाईवे के किनारे जमीन की बिक्री और कब्जे को लेकर एक नई अधिसूचना जारी की है।
इसके तहत हाईवे के आसपास की जमीन पर अवैध कब्जा करने और बेचने पर रोक लगाई गई है, जिससे हाईवे की योजना और निर्माण में व्यवधान न आए। इस लेख में इस नए नियम का विस्तार और उससे जुड़ी जानकारियाँ सरल भाषा में समझाई गई हैं।
सरकार का मकसद है कि हाईवे के आसपास की जमीन का गलत इस्तेमाल न हो। अब अगर किसी जमीन को हाईवे निर्माण के लिए अधिग्रहित किया गया है या अधिग्रहण प्रक्रिया चल रही है, तो उस जमीन को हाईवे के किनारे खरीद-फरोख्त करना या उसमें बने किसी भी प्रकार के निर्माण को जारी रखना गैरकानूनी होगा। यह कदम अधिग्रहण प्रक्रिया को साफ-सुथरा और विवाद-मुक्त बनाने के लिए उठाया गया है।
National Highway 2025
केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने नेशनल हाईवे (National Highway) के लिए जमीन अधिग्रहण संबंधी नियमों में बड़े बदलाव किए हैं। इसके अंतर्गत हाईवे के किनारे जमीन की खरीद-फरोख्त और कब्जे पर रोक लगाने के लिए नई अधिसूचना (Notification) जारी की गई है। सरकार चाहती है कि अधिग्रहण प्रक्रिया में पारदर्शिता रहे और मुआवजे की राशि, जमीन के कब्जे आदि मामलों में विवाद न हों।
इस अधिसूचना के मुताबिक, जब किसी इलाके में नेशनल हाईवे के लिए जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू हो जाती है और हाईवे का एलाइन्मेंट (alignment) फाइनल कर दिया जाता है, तो उस जमीन की खरीद-फरोख्त पर पूरी तरह रोक लग जाएगी। साथ ही, उस इलाके के राजस्व रिकॉर्डों को भी अपडेट किया जाएगा ताकि कोई भी व्यक्ति नकली या गलत जानकारी के आधार पर जमीन का कारोबार न कर सके।
सरकार का यह भी प्रावधान है कि जो जमीन हाईवे के लिए अधिग्रहित की जाए, अगर पांच साल के अंदर हाईवे का निर्माण नहीं होता है तो जमीन को मूल मालिकों को वापस कर दिया जाएगा। इससे यह सुनिश्चित होगा कि किसानों और जमीन मालिकों के अधिकार सुरक्षित रहें और जमीन अधिग्रहण के नाम पर उनकी जमीन दुष्प्रयोग न हो।
मुआवजा राशि की घोषणा के बाद तीन महीने के भीतर ही जमीन मालिक मुआवजे की राशि को लेकर आपत्ति दर्ज कर सकते हैं। इसके बाद मुआवजे को लेकर कोई विवाद नहीं माना जाएगा। इसका उद्देश्य मुआवजे के विवादों को खत्म कर निर्माण कार्यों को तेजी से शुरू करना है।
इसके अलावा, हाईवे निर्माण के लिए अधिग्रहित जमीन पर कोई नया निर्माण या कब्जा करना सख्त मना होगा। जो भी पहले से अवैध कब्जा करता है, उसे छोड़ना होगा और बिना अनुमति के कोई भवन आदि बनाना भी गैरकानूनी होगा।
जमीन अधिग्रहण नियम और हाईवे से दूरी करके निर्माण
राष्ट्रीय राजमार्गों के किनारे घर या अन्य निर्माण करते समय भी सरकार ने दूरी के नियम बनाए हैं। राष्ट्रीय राजमार्ग की मध्य रेखा से दोनों ओर 75 मीटर तक किसी भी प्रकार का निर्माण प्रतिबंधित है। यदि किसी को खास वजह से निर्माण करना हो तो उसे एनएचएआई (राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण) या संबंधित राजमार्ग मंत्रालय से अनुमति लेना होता है।
यदि यह नियम नहीं माने जाते हैं तो मकान को तोड़ दिया जा सकता है और इससे किसी भी प्रकार का मुआवजा नहीं मिलेगा। विशेष रूप से ग्रामीण इलाकों में हाईवे के पास बिना अनुमति के घर बनाना या कब्जा करना आम है, लेकिन इसे यह कानून रोकने का प्रयास करता है ताकि हाईवे के चौड़ीकरण और नवीन निर्माण में दिक्कत न हो।
सरकार द्वारा प्रदत्त सहायता और योजनाएँ
इस नीति का उद्देश्य न केवल हाईवे के निर्माण में तेजी लाना है, बल्कि जमीन मालिकों को उचित मुआवजा व संपत्ति की पारदर्शिता भी सुनिश्चित करना है। अधिग्रहण प्रक्रिया को तेज करने के लिए एक डिजिटल पोर्टल भी बनाया जाएगा, जहां अधिग्रहित जमीन की पूरी जानकारी उपलब्ध होगी। इससे जमीन मालिकों को भी उनकी जमीन के अधिग्रहण और मुआवजे की जानकारी तुरंत मिलेगी।
मुआवजे की रकम बाजार भाव के आधार पर ही निर्धारित की जाएगी, ताकि किसी भी प्रकार का मनमाना फैसला न हो। इसके अलावा, अधिग्रहण के बाद जमीन के ऊपर बिना अनुमति बनाए गए किसी भी कब्जे को हटाने का अधिकार प्राधिकरण को मिलेगा।
सरकार इस नए नियम के चलते यह सुनिश्चित करना चाहती है कि नेशनल हाईवे निर्माण परियोजनाओं में भूमि विवाद कम हों, जमीन के अधिग्रहण में पारदर्शिता हो और जमीन मालिकों को उनकी जमीन का सही मुआवजा मिले।
आवेदन प्रक्रिया और जमीन मालिकों के लिए सुझाव
जो भी जमीन नेशनल हाईवे के अधिग्रहण के दायरे में आती है, उसके मालिकों को अधिसूचना मिलने के बाद निर्धारित समय पर मुआवजे की राशि और जमीन की स्थिति की जांच करनी चाहिए। अगर वे मुआवजे की रकम या अधिग्रहण से जुड़े नियमों को लेकर असंतुष्ट हैं तो तीन महीने के भीतर आपत्ति दर्ज कराएं।
इस दौरान बिना अनुमति के अपनी जमीन की बिक्री या कब्जा न करें क्योंकि यह अवैध माना जाएगा और कार्रवाई हो सकती है। जमीन की स्थिति के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त करने के लिए संबंधित राजमार्ग विभाग से संपर्क कर सकते हैं।
निष्कर्ष
नई अधिसूचना से नेशनल हाईवे के किनारे जमीन की खरीद-फरोख्त और कब्जे पर रोक लगकर एनएचएआई और सरकार को हाईवे विकास में मदद मिलेगी। इस कदम से जमीन मालिकों को भी बेहतर मुआवजा मिलेगा और विवाद कम होंगे। इसलिए सभी. landowners को अपनी जमीन की स्थिति पर नजर रखनी चाहिए और नए नियमों का पालन करना चाहिए।