प्रधानमंत्री जनधन योजना (PMJDY) भारत सरकार की एक महत्वपूर्ण योजना है, जिसका उद्देश्य देश के सभी नागरिकों को बैंकिंग सुविधा से जोड़ना है। इस योजना के तहत लगभग 53 करोड़ से अधिक जनधन खाते खोले जा चुके हैं। जनधन खाता खोलने के लिए कोई न्यूनतम राशि जमा करने की आवश्यकता नहीं होती और यह योजना खासतौर पर गरीब और ग्रामीण इलाकों के लोगों के लिए बेहद मददगार साबित हुई है। सरकार ने इस योजना से वित्तीय समावेशन को बढ़ावा दिया है ताकि हर व्यक्ति के पास बैंकिंग सेवा, बीमा, पेंशन और ओवरड्राफ्ट जैसी सुविधाएं मिल सकें।
जनधन खाते के फायदे भी काफी हैं, जैसे कि इसमें जमा राशि पर ब्याज मिलता है, खाते में ज़ीरो बैलेंस की सुविधा होती है, इसके साथ 1 लाख रुपए का दुर्घटना बीमा कवर मिलता है, और छह महीने के बाद ओवरड्राफ्ट सुविधा भी मिलती है। इसके अलावा, लोगों को अपने खातों के जरिए भारत में कहीं भी आसानी से पैसे ट्रांसफर करने की सुविधा भी मिलती है। इस योजना का मकसद है लोग बैंकिंग नेटवर्क से जुड़े और अपने आर्थिक जीवन को सुदृढ़ करें।
Jan Dhan Account 2025
प्रधानमंत्री जनधन योजना के अंतर्गत खाता ऐसी सुविधा है जो हर भारतीय नागरिक के लिए खोलना आसान है। इसके लिए आवश्यक दस्तावेजों में आधार कार्ड मुख्य है, इसके अलावा मतदाता पहचान पत्र, ड्राइविंग लाइसेंस या नरेगा कार्ड जैसी वैकल्पिक दस्तावेज भी मान्य हैं। इस खाते को खोलने में कोई न्यूनतम जमा राशि की बाध्यता नहीं है, जिससे ये योजना गरीब और आम जनता के लिए काफी उपयुक्त होती है।
जनधन खाता खोलने पर बैंकिंग सेवाओं के साथ ही जीवन बीमा, दुर्घटना बीमा, पेंशन जैसे लाभ भी दिए जाते हैं। ये खाते डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देते हैं और नकद लेनदेन की जगह बैंक ट्रैजेक्शन को प्रोत्साहित करते हैं।
मोदी सरकार क्यों बंद कर रही है जनधन खातों में से कुछ खातों को?
हाल ही में यह खबर आई है कि केंद्र सरकार ने उन जनधन खातों को बंद करने का निर्देश दिया है, जिनमें पिछले 24 महीनों से कोई लेन-देन नहीं हुआ है। इन खातों को निष्क्रिय (इनएक्टिव) माना जाता है। सरकार ने यह कदम उन खातों के दुरुपयोग को रोकने के लिए उठाया है जिनका इस्तेमाल मनी लॉन्ड्रिंग या फर्जीवाड़े के लिए किया जा रहा है। ऐसी धोखाधड़ी और साइबर फ्रॉड की घटनाएं बढ़ रही हैं, जिससे सरकारी सार्थक प्रयासों को नुक़सान हो सकता है।
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने ‘म्यूल हंटर’ नाम के खास एआई-आधारित कार्यक्रम की मदद से इन फर्जी खातों की पहचान करना शुरू किया है। म्यूल खाते वो होते हैं जिनका इस्तेमाल धोखाधड़ी के लिये किया जाता है और इनके जरिए ग़ैरकानूनी धन का आदान-प्रदाय किया जाता है। इन निष्क्रिय और संदिग्ध खातों को सक्रिय करने के लिए री-केवाईसी (फिर से पहचान प्रमाण प्रक्रिया) करनी पड़ती है। कई बैंक खाताधारकों से संपर्क कर खाता सक्रिय करने के लिए कहा जा रहा है, लेकिन यदि वे इच्छुक नहीं हैं, तो उनका खाता बंद कर दिया जाएगा।
सरकारी बैंकों के अनुसार, ग्रामीण इलाकों में सबसे ज्यादा ऐसे निष्क्रिय खाते पाए गए हैं। सरकार की पहल यह सुनिश्चित करना चाहती है कि जनधन खाते सही लोगों के उपयोग में आएं और धोखाधड़ी से बचाव हो सके।
सरकार की आधिकारिक प्रतिक्रिया और स्थिति
वित्त मंत्रालय और वित्तीय सेवा विभाग ने ऐसी किसी भी खबर का खंडन किया है कि सरकार ने जनधन खाते बंद करने के लिए बैंक को कोई आदेश दिया है। उन्होंने बताया कि कोई बड़े पैमाने पर खातों को बंद करने की योजना नहीं है। बल्कि सरकार ने वित्तीय समावेशन को और बेहतर बनाने के लिए जुलाई 2025 से तीन महीने का अभियान शुरू किया है, जिसमें खाते धारकों को फिर से सक्रिय करने और री-केवाईसी कराने की सलाह दी जा रही है।
सरकार का मानना है कि निष्क्रिय खातों को बंद करने की बजाय उन्हें सक्रिय बनाए रखना जरूरी है ताकि लोग इन खातों का लाभ ले सकें। इसलिए बैंकों को यह निर्देश भी दिया गया है कि वे खाताधारकों को जागरूक करें और उनके खातों को सक्रिय बनाने के प्रयास करें।
जनधन खाते का आवेदन कैसे करें?
जनधन खाता खोलने के लिए सबसे पहले आपको अपने नजदीकी बैंक शाखा में जाना होगा या बैंक की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर फॉर्म प्राप्त करना होगा। फॉर्म में बेसिक जानकारी जैसे नाम, पता, मोबाइल नंबर, आधार कार्ड आदि भरने होते हैं। आधार आपके पहचान का मुख्य प्रमाण होता है। यदि आधार कार्ड नहीं है तो आप वोटर आईडी, ड्राइविंग लाइसेंस आदि दस्तावेज प्रस्तुत कर सकते हैं। उसके बाद फॉर्म भरकर आवश्यक दस्तावेज बैंक में जमा करें। कई बैंक अब ऑनलाइन आवेदन की सुविधा भी देते हैं।
खाते खोलते समय मोबाइल नंबर या ई-मेल आईडी दर्ज करना जरूरी होता है, जिससे आपको खातों से जुड़ी सूचनाएं मिलती रहें। जनधन खाते का फायदा उठाने के लिए यह सुनिश्चित करें कि खाते में समय-समय पर कोई न कोई लेन-देन हो ताकि यह निष्क्रिय न हो।
कुछ महत्वपूर्ण लाभ
जनधन योजना का प्रमुख लक्ष्य है हर व्यक्ति को बैंकिंग सेवा देना। इस योजना के तहत मिलने वाले प्रमुख लाभों में शामिल हैं:
- खाता खोलने के लिए कोई न्यूनतम बैलेंस नहीं।
- जमा राशि पर ब्याज मिलने का लाभ।
- एक लाख रुपये तक का दुर्घटना बीमा सुरक्षा।
- ओवरड्राफ्ट सुविधा, जो कि खाते के सक्रिय होने के छह महीने बाद उपलब्ध होती है।
- पेंशन और जीवन बीमा जैसे अतिरिक्त योजनाओं में शामिल होना।
- पूरे भारत में कहीं भी पैसे ट्रांसफर करने की सुविधा।
यह योजना गरीब और कमजोर वर्ग को आर्थिक रूप से सशक्त बनाती है।
निष्कर्ष
प्रधानमंत्री जनधन योजना ने भारत में वित्तीय समावेशन को एक नई दिशा दी है। हालांकि कुछ निष्क्रिय खातों को लेकर सरकार सतर्क है और धोखाधड़ी रोकने के लिए कदम उठा रही है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि पूरे खाते बंद किए जाएंगे। सरकार का उद्देश्य है सभी लोगों को बैंकिंग से जोड़ना और धोखाधड़ी को खत्म करना। इसलिए जनधन खाते को सक्रिय रखने के लिए खाताधारकों को समय-समय पर अपने खाते में लेन-देन करते रहना चाहिए।