Haryana CET 2025: 5 दिन बाद हो सकता है फैसला, 9 लाख युवाओं का सपना होगा सच

Published On: August 14, 2025
Haryana CET 2025

हरियाणा सरकार ने अपने राज्य में ग्रुप-सी और ग्रुप-डी पदों की भर्ती के लिए कामन एलिजिबिलिटी टेस्ट (CET) पॉलिसी लागू की है। यह पॉलिसी रोजगार चाहने वाले युवाओं के लिए बहुत महत्वपूर्ण योजना है क्योंकि इसमें कई विभागों के लिए एक सामान्य परीक्षात्मक प्रक्रिया के तहत चयन होता है। इस नीति के माध्यम से सरकार ने भर्ती प्रक्रिया को सरल, पारदर्शी और प्रभावी बनाने का प्रयास किया है।

हालांकि, हाल ही में इस CET पॉलिसी को पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में चुनौती दी गई है। याचिकाकर्ता सवाल उठा रहे हैं कि क्या तकनीकी पदों के लिए एक सामान्य CET परीक्षा उचित है या फिर तकनीकी पदों के लिए अलग से विशेषज्ञ ज्ञान पर आधारित परीक्षा आयोजित किया जाना चाहिए। इस लेख में हम इस पॉलिसी की विस्तृत जानकारी, उसकी वजहें, और कोर्ट में चल रही चुनौती के बारे में सरल भाषा में जानेंगे।

Haryana CET 2025

हरियाणा CET (कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट) एक केंद्रित भर्ती परीक्षा है, जो ग्रुप-सी और ग्रुप-डी वर्ग के सरकारी पदों के लिए हरियाणा स्टाफ सिलेक्शन कमीशन (HSSC) द्वारा आयोजित की जाती है। इसमें राज्य के विभिन्न विभागों में नियुक्ति के लिए आवेदन करने वाले उम्मीदवारों की योग्यता और क्षमता का आकलन किया जाता है।

यह परीक्षा पहली बार व्यापक पैमाने पर आयोजित की गई है और इसका मकसद सरकारी नौकरी के लिए उम्मीदवारों को एक समान मौका देना है। इस पॉलिसी के तहत, अलग-अलग विभागों के लिए अलग-अलग परीक्षा आयोजित करने की जगह एक ही सामान्य योग्यता परीक्षा (CET) से कई पदों के लिए सर्टिफिकेट वैध रहेगा।

इस परीक्षा के तहत, उम्मीदवारों के लिए एक परीक्षा पैटर्न निर्धारित किया गया है, जिसमें सामान्य ज्ञान, गणित, अंग्रेज़ी, हिंदी, हरियाणा सामान्य ज्ञान, तर्कशक्ति, कंप्यूटर के बेसिक ज्ञान जैसे विषयों के प्रश्न होते हैं। इस परीक्षा के आधार पर मेरिट तय होती है, और इसके बाद कुछ तकनीकी पदों के लिए चाहे तो अतिरिक्त परीक्षण जैसे टाइपिंग टेस्ट या स्किल टेस्ट भी लिए जाते हैं।

सरकार ने इस सिस्टम को इसलिए भी विकसित किया ताकि हजारों-लाखों युवाओं के लिए भर्ती प्रक्रिया तेज हो, और उम्मीदवारों को बार-बार विभिन्न परीक्षाओं में भाग लेने की जरूरत न पड़े। सरकार के अनुसार, CET का स्कोर तीन साल तक मान्य रहता है, जिससे उम्मीदवार उन्हीं अंकों से लगातार कई पदों के लिए आवेदन कर सकते हैं।

CET पॉलिसी पर हाईकोर्ट में चुनौती का कारण

हाल ही में, हरियाणा CET पॉलिसी को पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में याचिका के माध्यम से चुनौती दी गई है। याचिकाकर्ता आरोप लगा रहे हैं कि यह पॉलिसी तकनीकी विभागों के लिए अनुचित है। याचिकाकर्ता कहते हैं कि तकनीकी पदों के लिए सामान्य परीक्षा का प्रावधान करना गलत है क्योंकि इन पदों के लिए विशेष तकनीकी ज्ञान, योग्यता और अनुभव की आवश्यकता होती है।

विशेष रूप से स्वास्थ्य, कृषि, इंजीनियरिंग, बिजली, मैकेनिकल, कंप्यूटर आदि तकनीकी विभागों में काम करने वाले उम्मीदवारों को उसी क्षेत्र का विशिष्ट ज्ञान होना जरूरी है। लेकिन सरकार ने सभी पदों के लिए सामान्य CET लागू करके, तकनीकी और गैर-तकनीकी उम्मीदवारों को एक साथ जोड़ दिया है। इससे विशेषज्ञ उम्मीदवारों की भर्ती में बाधा आ रही है, क्योंकि वे सामान्य प्रश्नों में बेहतर प्रदर्शन नहीं कर पाते, जबकि उनके पास तकनीकी क्षेत्र का व्यापक ज्ञान होता है।

याचिकाकर्ताओं ने अदालत से मांग की है कि तकनीकी पदों के लिए अलग से एक विशिष्ट परीक्षा आयोजित की जाए। साथ ही उन्होंने यह भी कहा है कि 31 दिसंबर 2024 को जारी हुई सरकार की अधिसूचना ने तकनीकी पदों के लिए अलग परीक्षा आयोजित करने की मांगों को अनदेखा कर दिया और बिना किसी उचित विचार-विमर्श के सामूहिक CET पॉलिसी लागू कर दी गई।

कोर्ट ने इस मामले में हरियाणा सरकार को जवाब देने के लिए समय दिया है और अगली सुनवाई 21 अगस्त 2025 को निर्धारित की गई है। सरकार ने जवाब तैयार करने के लिए और समय मांगा है। इस प्रकार यह मामला अभी न्यायिक प्रक्रिया में है और अंतिम फैसला कोर्ट द्वारा दिया जाएगा।

CET पॉलिसी से जुड़ी अन्य महत्वपूर्ण जानकारियां

हरियाणा CET परीक्षा में कई हजारों उम्मीदवार आवेदन करते हैं। वर्ष 2025 की CET परीक्षा 26 और 27 जुलाई को दो दिन में चार शिफ्टों में आयोजित की गई थी, जिसमें करीब 13.47 लाख उम्मीदवार शामिल हुए थे। यह परीक्षा ऑफलाइन, OMR आधारित होती है।

परीक्षा का पैटर्न 100 प्रश्नों का होता है, जिसमें सामान्य ज्ञान, गणित, हिंदी, अंग्रेज़ी, हरियाणा से जुड़ा ज्ञान और कंप्यूटर के बेसिक सवाल होते हैं। इस परीक्षा में कोई नकारात्मक अंकन नहीं होता, लेकिन अधूरी या गलत उत्तरों की पहचान के लिए नियम होते हैं।

इसके अलावा, CET स्कोर तीन साल तक स्थायी रहता है, जिससे उम्मीदवार अपने स्कोर का इस्तेमाल विभिन्न पदों के लिए कर सकते हैं। इस पॉलिसी ने पहले की तरह अनेक परीक्षाओं के बोझ को कम किया है और भर्ती प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बनाया है।

सरकार ने इस पॉलिसी के माध्यम से रोजगार देने का लक्ष्य रखा है और इसे युवाओं के लिए सुनहरा अवसर माना जा रहा है। हालांकि, तकनीकी पदों के लिए विशेषज्ञ परीक्षा की मांग को लेकर विवाद जारी है।

निष्कर्ष

हरियाणा CET पॉलिसी रोजगार प्रक्रिया को एक नया ढांचा देने की कोशिश है, लेकिन तकनीकी पदों के लिए एक जैसी परीक्षा की समस्या कोर्ट में चुनौती बन गई है। इस मामले में कोर्ट का फैसला भविष्य में भर्ती प्रक्रिया को और मजबूत या संशोधित कर सकता है, जिससे तकनीकी पदों पर सही उम्मीदवारों का चयन सुनिश्चित हो सकेगा। अभी उपर्युक्त याचिका पर सुनवाई जारी है, और जल्द ही इस पर अंतिम निर्णय आएगा।

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