E Shram Card Pension Yojana 2025: 60 साल का इंतजार खत्म, 3000 रुपए और 2 खास फायदे पाएँ अभी

Published On: August 11, 2025
E Shram Card Pension Yojana 2025

आज भारत में असंगठित क्षेत्र के मजदूरों की आर्थिक सुरक्षा को लेकर सरकार कई योजनाएं चला रही है। ऐसे हजारों मजदूर हैं जो दिन भर कड़ी मेहनत करते हैं, लेकिन बुढ़ापे में उनकी कोई स्थिर आय नहीं होती। इन्हीं लोगों की मदद के लिए भारत सरकार ने ई-श्रम कार्ड पेंशन योजना शुरू की है।

इस योजना के तहत 60 वर्ष की उम्र के बाद ई-श्रम कार्ड धारकों को मासिक 3000 रुपए की पेंशन दी जाती है। यह योजना उन मजदूरों के लिए वरदान साबित हो रही है जो अपनी बुढ़ापे की जरूरतों को पूरा करने के लिए चिंतित रहते हैं। ई-श्रम कार्ड पेंशन योजना असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को आर्थिक सुरक्षा देने का एक प्रयास है।

इससे उनका बुढ़ापा सुरक्षित हो जाता है और वे आत्मनिर्भर बनते हैं। इस योजना के जरिए न केवल निरंतर पेंशन मिलती है, बल्कि मजदूरों को दुर्घटना या आंशिक विकलांगता की स्थिति में भी आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। सरकार का उद्देश्य है कि जो लोग देश की आर्थिक तरक्की में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं, वे बुढ़ापे में सम्मान और सुविधा के साथ जीवन व्यतीत कर सकें।

E Shram Card Pension Yojana 2025

ई-श्रम कार्ड पेंशन योजना भारत सरकार की प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना (PM-SYM) से जुड़ी है। यह योजना मुख्य रूप से उन असंगठित क्षेत्र के मजदूरों के लिए है जिनकी उम्र 18 से 40 वर्ष के बीच है। योजना के तहत मजदूर को छोटी मासिक प्रीमियम राशि जमा करनी होती है, जो उनकी उम्र के अनुसार 55 रुपए से लेकर 200 रुपए तक हो सकती है। मजदूर जब 60 वर्ष की उम्र पार कर लेता है, तो उसे सरकार की तरफ से जीवनभर मासिक 3000 रुपए की पेंशन मिलती है।

इस योजना की खास बात यह है कि इसमें मजदूर का योगदान आधा होता है और बाकी आधा सरकार देती है। इसके अलावा, अगर किसी श्रमिक को काम के दौरान कोई दुर्घटना होती है या वह आंशिक विकलांग हो जाता है, तो उसे दुर्घटना बीमा के तहत 2 लाख रुपए तक की राशि और वित्तीय सहायता के तौर पर 1 लाख रुपए मिलते हैं। यदि श्रमिक की मृत्यु हो जाती है, तो उसका जीवनसाथी भी पेंशन का आधा हिस्सा प्राप्त करता है, जिससे परिवार की आर्थिक स्थिति मजबूत होती है।

योजना के लाभ

इस योजना से जुड़े मजदूरों को कई फायदे मिलते हैं। सबसे बड़ा लाभ है 60 वर्ष के बाद मिलने वाली 3000 रुपए की मासिक पेंशन, जो उनकी बुढ़ापे की जरूरतों को पूरा करने में मदद करती है।

दूसरा, इस योजना के तहत अगर मजदूर कोई गंभीर दुर्घटना या आंशिक विकलांगता का शिकार होता है, तो उसे और उसके परिवार को पर्याप्त आर्थिक सहायता मिलती है। तीसरा, अगर श्रमिक की मृत्यु हो जाती है, तो उसकी पत्नी या जीवनसाथी को भी पेंशन का आधा हिस्सा मिलता रहता है। इसके अलावा, ई-श्रम कार्डधारक को 12 अंकों वाला यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (UAN) भी दिया जाता है, जो पूरे भारत में मान्य होता है।

आवेदन प्रक्रिया

इस योजना का लाभ लेने के लिए सबसे पहले व्यक्ति का ई-श्रम कार्ड बनवाना जरूरी है। आवेदन ऑनलाइन या नजदीकी कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) के माध्यम से किया जा सकता है। आवेदन के लिए आवश्यक दस्तावेजों में आधार कार्ड, बैंक पासबुक, मोबाइल नंबर आदि शामिल हैं। आवेदन के समय आधार से जुड़ा मोबाइल नंबर होना जरूरी है क्योंकि उस पर OTP के माध्यम से प्रमाणीकरण किया जाता है।

आवेदन प्रक्रिया बहुत सरल है। व्यक्ति को ई-श्रम पोर्टल पर जाकर अपने आधार नंबर से पंजीकरण कराना होता है। पंजीकरण के बाद उसे प्रीमियम राशि का भुगतान करना होगा जो उसकी उम्र के आधार पर तय होती है। भुगतान के बाद योजना में शामिल मजदूर को पेंशन मिलने लगती है जब वह 60 वर्ष का हो जाता है।

योजना का उद्देश्य

सरकार का मुख्य उद्देश्य इस योजना के माध्यम से असंगठित क्षेत्र के मजदूरों को बुढ़ापे में आर्थिक सुरक्षा प्रदान करना है। कई बार मजदूरों की उम्र बढ़ने पर काम करने की क्षमता कम हो जाती है और वे आर्थिक रूप से कमजोर हो जाते हैं। इस योजना का अभिप्राय है कि उन्हें सरकारी सहायता के तहत एक नियत मासिक आय मिलती रहे जिससे उनके जीवन में सम्मान और स्थिरता बनी रहे।

यह योजना मजदूरों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के साथ ही उन्हें आत्मनिर्भर बनने में मदद करती है। इसके अलावा, दुर्घटना और मृत्यु के समय परिवार को भी संरक्षण देने का काम करती है ताकि मजदूर के जाने के बाद परिवार की आर्थिक स्थिति प्रभावित न हो।

निष्कर्ष

ई-श्रम कार्ड पेंशन योजना असंगठित क्षेत्र के मजदूरों को बुढ़ापे में आर्थिक सुरक्षा प्रदान करने वाली एक महत्वपूर्ण योजना है। इस योजना से 60 वर्ष की आयु के बाद हर माह 3000 रुपए की पेंशन मिलती है, जो मजदूरों की जीवनशैली में सुधार लाने में सहायक होती है।

इससे मजदूर आत्मनिर्भर बनते हैं और जीवन के कठिन समय में आर्थिक चिंता से मुक्त रहते हैं। सरकार द्वारा शुरू की गई यह योजना देश के गरीब और असंगठित श्रमिक वर्ग के लिए सहारा साबित हो रही है।

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