आम तौर पर हर साल लाखों लोग इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) भरते हैं ताकि अपनी कमाई की डिटेल्स सरकार को बता सकें और सही टैक्स की जानकारी दे सकें। ITR फ़ाइल करना सिर्फ नियमों का पालन करने के लिए जरूरी नहीं है, बल्कि यह भविष्य की योजना और फायदे के लिए भी काम आता है।
हाल ही में सरकार ने ITR भरने की अंतिम तारीख (डेडलाइन) बढ़ाकर 15 सितंबर 2025 कर दी है। पहले यह तारीख 31 जुलाई 2025 थी, लेकिन नए नियम, टेक्निकल बदलाव और डॉक्युमेंट्स की सत्यता की जरूरत को देखते हुए इसे आगे बढ़ाया गया। अब सभी आम टैक्सपेयर्स के पास ज्यादा समय है ताकि वे आसानी से फाइलिंग कर सके और जुर्माने से बच सकें।
अगर आप टैक्सपेयर्स हैं और समय पर ITR नहीं भरते हैं, तो आपको जुर्माना और ब्याज दोनो देना पड़ सकता है। सरकार ने यह भी साफ किया है कि देरी के बाद भी 31 दिसंबर 2025 तक आप बिलेटेड रिटर्न फाइल कर सकते हैं, परंतु लेट फीस लगेगी। इसलिए अपने दस्तावेज तैयार रखें और समय पर रिटर्न फाइल करें।
मुख्य जानकारी : ITR भरने की Deadline, Extend और Penalty
अब जानते हैं विस्तार से कि ITR फाइलिंग की नई डेडलाइन क्या है, जुर्माने के तरीके क्या हैं और आपके लिए कौन-कौन से विकल्प हैं।
टेबल : ITR फाइलिंग योजना का ओवरव्यू
जानकारी | विवरण |
फाइलिंग की नई डेडलाइन | 15 सितंबर 2025 |
पहले की अंतिम तारीख | 31 जुलाई 2025 |
बिलेटेड रिटर्न की डेडलाइन | 31 दिसंबर 2025 |
ब्याज दर | 1% प्रति माह (Section 234A) |
अधिकतम लेट फीस | ₹5,000 (आय ₹5 लाख से ऊपर) |
कम आय वालों की फीस | ₹1,000 (आय ₹5 लाख से कम) |
रिवाइज्ड रिटर्न डेडलाइन | 31 दिसंबर 2025 (Section 139(5)) |
अपडेटेड रिटर्न डेडलाइन | 31 मार्च 2030 (4 साल तक) |
टैक्स फायदे खोने का खतरा | बिजनेस/कैपिटल लॉस को आगे ले जाने का फायदा नहीं मिलता |
जुर्माने से छूट | कोई टैक्सेबल इनकम नहीं तो लेट फीस नहीं |
कब और क्यों बढ़ी डेट
सरकार ने रिजर्वेशन, नए ITR फॉर्म्स और टेक्निकल बदलाव के कारण यह डेडलाइन बढ़ाई है। विभाग चाहता है कि सब टैक्सपेयर्स सही समय में अपनी फाइलिंग करें और TDS की सही जानकारी का मिलान कर सकें। नई फाइलिंग सिस्टम के लिए ज्यादा समय टेसिंग, इंटरग्रेशन और डॉक्युमेंट वेरिफिकेशन में लग रहा था, जिस कारण यह बदलाव किया गया है.
देरी करने पर क्या होगा?
अगर आप 15 सितंबर 2025 तक ITR नहीं भरते:
- ₹5,000 तक की लेट फीस (जब आपकी सालाना आय ₹5 लाख से ज्यादा है)
- ₹1,000 की लेट फीस (जब आपकी सालाना आय ₹5 लाख या उससे कम है)
- 1% प्रति माह की ब्याज हर महीने की शुरुआत से
- अगले साल के लिए टैक्स लॉस को आगे नहीं ले जा सकेंगे
- रिफंड मिलने में भी देर हो सकती है
- फाइलिंग की समयसीमा बिल्कुल चूक जाने पर (31 दिसंबर के बाद) आप ITR नहीं भर सकते, सिर्फ Update Return के ऑप्शन बचते हैं.
जुर्माने से बचने के लिए जरूरी टिप्स
- समय पर फाइलिंग करें — अब 15 सितंबर है अंतिम मौका
- सारे डॉक्युमेंट्स समय रहते तैयार रखें: फॉर्म 16, TDS स्टेटमेंट, बैंक स्टेटमेंट वगैरह
- कोई त्रुटि हो तो रिवाइज्ड रिटर्न जरूर भरें, जिसकी डेडलाइन भी 31 दिसंबर है
- अगर बिलेटेड रिटर्न भरना पड़े, तो लेट फीस व ब्याज का अंदाजा पहले से रखें
- ऑडिट वाले केस में अपनी डेडलाइन अलग होती है; फर्म्स/बिजनेस के लिए 31 अक्टूबर 2025
- अगर डेडलाइन चूक जाए, तो Section 119 के तहत AO से अपील कर सकते हैं — केवल स्पेशल केस में
कौन-कौन प्रभावित होंगे?
- सैलरी लेने वाले कर्मचारी
- छोटा व्यापार करने वाले लोग
- हिंदू अविभाजित परिवार (HUF)
- पार्टनरशिप फर्म्स और कंपनियां (अलग डेडलाइन)
जुर्माना एवं ब्याज की मुख्य बाते
- Section 234F: ₹1,000 या ₹5,000 लेट फीस आय के अनुसार
- Section 234A: 1% प्रति माह, जो टैक्स बचा है उस पर ब्याज
- रिवाइज्ड रिटर्न: गलती सुधारने का मौका
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
- क्या छोटी आय वालों को भी लेट फीस लगेगी?
- अगर आय ₹5 लाख से कम है, तो ₹1,000 ही लेट फीस देनी होगी
- बिलेटेड रिटर्न क्या है?
- जब आप डेडलाइन के बाद ITR फाइल करते हैं, तो उसे बिलेटेड रिटर्न कहते हैं — डेडलाइन 31 दिसंबर 2025
- ITR न भरने पर क्या होगा?
- ब्याज, लेट फीस और टैक्स फायदा खो देते हैं, साथ ही रिफंड भी देर से मिलता है
महत्वपूर्ण टेबल : ITR डेडलाइन व जुर्माना
बात | डेडलाइन / रकम |
रिटर्न फाइल करने की अंतिम तारीख | 15 सितंबर 2025 |
बिलेटेड रिटर्न | 31 दिसंबर 2025 |
लेट फीस | ₹1,000 (5 लाख से कम), ₹5,000 (5 लाख से ज्यादा) |
ब्याज | 1% प्रति माह |
रिवाइज्ड रिटर्न | 31 दिसंबर 2025 |
अपडेटेड रिटर्न | 31 मार्च 2030 |
डिस्क्लेमर:
यह लेख पूरी तरह सरकारी वेबसाइटों/आधिकारिक अधिसूचनाओं पर आधारित जानकारी देता है। ITR फाइलिंग की नई डेडलाइन, पेनल्टी, ब्याज व अन्य नियम सरकार द्वारा तय किये जाते हैं, जिससे कभी-कभी बदलाव भी हो सकते हैं। आप किसी भी फाइनल निर्णय से पहले Income Tax Department की साइट या अपने सलाहकार से पुष्टि जरूर करें।
रियलिटी: यह पूरी योजना/डेडलाइन सरकारी घोषणा (CBDT, आयकर विभाग) पर आधारित है, और इसमें कोई फेक/झूठी जानकारी नहीं दी गई है। साइट्स में दी गई सभी डिटेल्स ऑफिशियल सरकार के निर्देशों पर आधारित हैं; लोकल, कॉलेज/स्कूल साइट्स या यूट्यूब वीडियो पर भरोसा न करें।
समय पर ITR भरना सिर्फ आपके फायदे के लिए ही नहीं, बल्कि कानून का पालन और भविष्य के टैक्स बेनिफिट्स के लिए भी जरूरी है। Deadline चूकना मतलब जुर्माने का खतरा, ब्याज का भुगतान और टैक्स लाभ खोना। इसलिए, यह मौका न चूकें और समय पर अपनी ITR फाइलिंग जरूर करें।