Property Purchasing Rules: 7 बेहद जरूरी दस्तावेज जो आपकी प्रॉपर्टी बचाए 2025 

Published On: August 3, 2025
Property Purchasing Rules

घर या जमीन खरीदना हर किसी का सपना होता है। लेकिन कई बार लोग सोचते हैं कि जब रजिस्ट्री हो जाएगी तो प्रॉपर्टी उनका मालिकाना हक हो जाएगा। क्या सच में सिर्फ रजिस्ट्री ही प्रॉपर्टी की पूरी कानूनी पहचान हो जाती है? सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में एक अहम फैसला सुनाया है, जिसके मुताबिक सिर्फ रजिस्ट्री करना ही प्रॉपर्टी का मालिक होना साबित नहीं करता।

प्रॉपर्टी के असली मालिक होने के लिए कई अन्य जरूरी दस्तावेज भी साथ में होने चाहिए। अगर ये दस्तावेज नहीं होंगे तो आपकी प्रॉपर्टी खतरे में भी पड़ सकती है। इस लेख में हम जानेंगे कि आखिर मालिकाना हक क्या होता है और किन दस्तावेजों की जरूरत होती है।

Property Purchasing Rules 2025

जब हम किसी प्रॉपर्टी को खरीदते हैं, तो उस प्रॉपर्टी पर हमारा कानूनन अधिकार होना जरूरी है। इस अधिकार को ही मालिकाना हक या टाइटल (Title) कहा जाता है। रजिस्ट्री सिर्फ एक कानूनी प्रक्रिया है जिसमें खरीदार और विक्रेता के बीच हुई डील को सरकारी रिकॉर्ड में दर्ज किया जाता है। इसका मतलब यह कि रजिस्ट्री केवल एक दस्तावेज है, जो साबित करता है कि ट्रांजैक्शन हुआ था।

लेकिन अगर उस प्रॉपर्टी की जड़ से ही कोई लीगल समस्या है, जैसे पहला मालिक ही सही मालिक नहीं था, तो रजिस्ट्री होने के बाद भी आप लीगल मालिक नहीं होंगे। इसलिए सिर्फ रजिस्ट्री कर लेना मालिकाना हक पाने के लिए पर्याप्त नहीं है।

मालिकाना हक हासिल करने के लिए जो सबसे जरूरी दस्तावेज होते हैं, उनमें सेल डीड (Sale Deed), टाइटल डीड (Title Deed), एन्कम्ब्रेंस सर्टिफिकेट (Encumbrance Certificate), म्युटेशन सर्टिफिकेट (Mutation Certificate), प्रॉपर्टी टैक्स की रसीदें, पजेशन लेटर, एलॉटमेंट लेटर, सक्सेशन सर्टिफिकेट और संभावित रूप से वसीयत या गिफ्ट डीड शामिल हैं। ये दस्तावेज आपको यह साबित करने में मदद करते हैं कि आप उस प्रॉपर्टी के सही मालिक हैं। अगर ये दस्तावेज सही नहीं होंगे तो बाद में आपके खिलाफ कोई काला दावा भी हो सकता है।

सरकार का नया रजिस्ट्रेशन बिल 2025 और क्या बदलाव हैं?

सरकार ने हाल ही में “Registration Bill 2025” पेश किया है, जिसका मकसद प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया को पूरी तरह डिजिटल, तेज, पारदर्शी और सुरक्षित बनाना है। यह बिल पुराने 1908 के रजिस्ट्रेशन एक्ट को बदलने के लिए आया है। इसमें ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की सुविधा दी गई है, जिससे लोगों को रजिस्ट्रार ऑफिस जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। साथ ही, अब दस्तावेज ऑनलाइन अपलोड करने होंगे और डिजिटल सिग्नेचर भी मिलेगा, जिससे फर्जीवाड़ा काफी कम होगा।

इस नए नियम के तहत आधार कार्ड से लिंकिंग और बायोमेट्रिक वेरीफिकेशन भी जरूरी होगा। यह सुनिश्चित करेगा कि दस्तावेज सही व्यक्ति के नाम पर ही रजिस्टर हों। साथ ही, रजिस्ट्रेशन के दौरान प्रक्रिया का वीडियो रिकॉर्डिंग भी की जाएगी, जिससे विवाद होने पर इसे प्रोफ ऑफ रजिस्ट्रेशन के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकेगा। फीस का भुगतान भी ऑनलाइन माध्यमों से होगा जिससे भ्रष्टाचार में कमी आएगी। इस बिल के लागू होने से प्रॉपर्टी खरीदने वालों के लिए ज्यादा सुरक्षा की स्थिति बनेगी।

मालिकाना हक के लिए जरूरी दस्तावेज और सावधानियां

जब आप प्रॉपर्टी खरीदने जाएं तो सिर्फ रजिस्ट्री देखना काफी नहीं है। आपको ये भी देखना होगा कि सारी कागजी कार्रवाई सही तरीके से हुई है या नहीं। सेल डीड वो मुख्य दस्तावेज है जिसमें प्रॉपर्टी का ट्रांसफर होता है। इसके अलावा टाइटल डीड यह सुनिश्चित करती है कि प्रॉपर्टी मुक्त है या उस पर किसी और का दावा नहीं है। एन्कम्ब्रेंस सर्टिफिकेट से पता चलता है कि प्रॉपर्टी पर कोई लोन या बंधक (मॉर्टगेज) तो नहीं है। म्युटेशन सर्टिफिकेट प्रॉपर्टी के नाम बदलने की सरकारी रिकॉर्ड होती है, जो सही मायने में ओनरशिप की पुष्टि करता है।

प्रॉपर्टी टैक्स की रसीदें यह दर्शाती हैं कि टैक्स समय पर भरा गया है, और इससे यह भी पता चलता है कि प्रॉपर्टी कानूनन वैध है। पजेशन लेटर और एलॉटमेंट लेटर जैसे दस्तावेज मालिकाना हक को मजबूत करते हैं। अगर प्रॉपर्टी किसी विरासत, गिफ्ट या वसीयत के तहत मिली हो तो संबंधित दस्तावेज भी बहुत जरूरी होते हैं। इन सब के बिना, केवल रजिस्ट्री कराना आपके चारों ओर कानूनी खतरे को न्योता देना जैसा हो सकता है।

प्रॉपर्टी खरीदते समय ध्यान रखें

  • हमेशा एक्सपर्ट या लीगल सलाहकार से सलाह लें ताकि कागजात की पूरी जांच हो सके।
  • प्रॉपर्टी के पुराने मालिकों के दस्तावेज और ओनरशिप की पूरी चेन देखें।
  • रजिस्ट्री के साथ-साथ सभी संबंधित दस्तावेजों की भी सही स्थिति और वैधता जांचें।
  • नए Registration Bill 2025 के तहत ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया को समझें और फर्जीवाड़ा रोकने के उपाय अपनाएं।

निष्कर्ष

सिर्फ प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री कराना ही मालिकाना हक पाने के लिए काफी नहीं होता। आपको सेल डीड, टाइटल डीड, एन्कम्ब्रेंस सर्टिफिकेट समेत कई दूसरे जरूरी दस्तावेज भी अपने पास रखने होंगे। सरकार का नया Registration Bill 2025 ऑनलाइन, डिजिटल और पारदर्शी रजिस्ट्रेशन की सुविधा देता है जिससे प्रॉपर्टी खरीदने में सुरक्षा बढ़ेगी। इसलिए सावधानी से सारे दस्तावेज जांचें, तभी आप अपने निवेश को सुरक्षित रख पाएंगे।

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