सरकार ने 1 अगस्त 2025 से टीडीएस (Tax Deducted at Source) के नियमों में महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं, जिससे एफडी (Fixed Deposit) कराने वाले लोगों को फायदा होगा। टीडीएस उन लोगों पर लागू होता है जो बैंक या वित्तीय संस्थानों से मिलने वाले ब्याज पर टैक्स कटौती की प्रक्रिया के तहत आते हैं।
नए नियमों के तहत ब्याज आय पर टीडीएस की कटौती तभी होगी, जब वार्षिक ब्याज की रकम एक निर्धारित सीमा से ऊपर होगी। इसका उद्देश्य निवेशकों को अधिक राहत देना और टैक्स प्रणाली को सरल बनाना है। इससे खासतौर पर वरिष्ठ नागरिक और छोटे निवेशकों को फायदा होगा, जो ब्याज आय पर टैक्स के बोझ से मुक्त रहेंगे।
नई टीडीएस नियमों के अनुसार, अब फिक्स्ड डिपॉजिट या आवर्ती जमा (Recurring Deposit) पर मिलने वाले ब्याज की जो सीमा है, वह सामान्य नागरिकों के लिए 50,000 रुपये वार्षिक से बढ़ाकर और वरिष्ठ नागरिकों के लिए 1 लाख रुपये कर दी गई है। इसका मतलब है कि अगर किसी सामान्य व्यक्ति को अपने बैंक एफडी पर सालाना 50,000 रुपये तक ब्याज मिलता है तो उस ब्याज पर टीडीएस नहीं कटेगा। वहीं वरिष्ठ नागरिकों के लिए यह सीमा दोगुनी करके 1 लाख रुपये कर दी गई है। इस बदलाव से बड़े पैमाने पर छोटा निवेशक और रिटायर होने वाले वरिष्ठ नागरिक राहत महसूस करेंगे।
TDS New Rules 2025
केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने बजट 2025 में टीडीएस नियमों में कई बदलाव का ऐलान किया था, जो 1 अगस्त 2025 से प्रभावी हुए। इन नए नियमों का उद्देश्य एफडी और आरडी पर ब्याज आय के संबंध में टैक्स कटौती को और अधिक न्यायसंगत बनाना है। पहले, अगर किसी के ब्याज आय की राशि 40,000 रुपये (आम नागरिकों के लिए) और 50,000 रुपये (वरिष्ठ नागरिकों के लिए) से अधिक होती थी, तो बैंक उस पर 10% का टीडीएस काटते थे। नए नियमों के तहत यह सीमा बढ़ाकर सामान्य नागरिकों के लिए 50,000 रुपये और वरिष्ठ नागरिकों के लिए 1 लाख रुपये कर दी गई है।
इसके अलावा, अगर निवेशक ने अपना पैन कार्ड बैंक को नहीं दिया है तो टीडीएस की दर बढ़कर 20% हो जाएगी। जिन लोगों ने पैन कार्ड बैंक के पास जमा कराया है, उनके ऊपर 10% की छूट बनी रहेगी।
टीडीएस कटौती केवल उस समय की जाएगी जब ब्याज आय उक्त सीमा से ऊपर हो। यह कटौती बैंक द्वारा वार्षिक आधार पर की जाएगी, न कि एफडी के परिपक्व होने पर। उदाहरण के लिए, यदि एक वरिष्ठ नागरिक को सालाना 90,000 रुपये ब्याज मिलता है, तो उस पर कोई टीडीएस नहीं लगेगा। लेकिन यदि ब्याज 1 लाख से अधिक हुआ तो कुल ब्याज पर टीडीएस कटौती होगी।
सरकार ने टीडीएस नियमों में बदलाव क्यों किए?
सरकार का यह कदम निवेशकों को टैक्स बोझ से राहत देने के लिए है। फिक्स्ड डिपॉजिट पर मिलने वाले ब्याज पर अक्सर छोटे और वरिष्ठ नागरिकों को अनावश्यक टैक्स काटा जाता था, जिससे उनकी आय कम हो जाती थी। कई बार ऐसे निवेशक जिनकी कुल वार्षिक ब्याज आय सीमा के करीब होती थी, उन्हें बार-बार टीडीएस यानी कर कटौती का झंझट उठाना पड़ता था।
इन नए नियमों से छोटे निवेशक बिना किसी अतिरिक्त झंझट के बेहतर बचत कर पाएंगे और टैक्स भरने की प्रक्रिया भी सरल होगी। वरिष्ठ नागरिक जो अपनी सेवानिवृत्ति के बाद एफडी पर निर्भर रहते हैं, उनके लिए यह राहत बेहद महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे उनकी नियमित आय पर टैक्स का बोझ कम होगा।
टीडीएस के ये नियम किन पर लागू होंगे?
यह नियम उन सभी एनुअल ब्याज आय पर लागू होंगे जो बैंक या वित्तीय संस्थान से प्राप्त होती हैं। इसमें फिक्स्ड डिपॉजिट, आवर्ती जमा और अन्य बचत विकल्प शामिल हैं जिनपर ब्याज मिलता है।
अगर आपकी ब्याज आय नई निर्धारित सीमा से कम है तो बैंक टीडीएस नहीं काटेंगे। लेकिन अगर आय सीमा से अधिक हुई तो बैंक 10% की दर से टैक्स काटेंगे (यदि पैन उपलब्ध है)। पैन कार्ड न होने पर यह दर 20% हो सकती है।
टीडीएस कटौती बैंक द्वारा 31 मार्च को समाप्त होने वाले वित्तीय वर्ष के अंत में की जाती है और आपको टीडीएस की सूचना या प्रमाण पत्र दिया जाता है, जिसे आप अपनी टैक्स रिटर्न में उपयोग कर सकते हैं।
टीडीएस नियम लागू करने का तरीका
1 अगस्त 2025 से टीडीएस के ये नए नियम लागू कर दिए गए हैं। इसे समझना और इसका पालन करना आवश्यक है ताकि आपको टैक्स से जुड़ी कोई परेशानी न हो। यदि आपकी कुल ब्याज आय नई सीमा से कम है, तो आप बिना किसी टीडीएस कटौती के अपनी पूरी आमदनी रख सकेंगे।
यदि ब्याज पर टीडीएस कटौती हो जाती है, तो आपको टीडीएस पर एक प्रमाण पत्र मिलेगा, जिसे आप अपनी आयकर रिटर्न दाखिल करते समय जमा करा सकते हैं। अगर आपने पैन कार्ड बैंक को नहीं दिया है तो आपको नियमित रूप से पैन विवरण अपडेट करना चाहिए ताकि ज्यादा टीडीएस कटौती से बचा जा सके।
निष्कर्ष
सरकार द्वारा 1 अगस्त 2025 से लागू किए गए टीडीएस के नए नियम एफडी करने वालों के लिए बड़ी राहत लेकर आए हैं। उच्च टीडीएस सीमा से छोटे निवेशकों और वरिष्ठ नागरिकों को फायदा मिलेगा और उनकी बचत से अधिक लाभ होगा। इसलिए, यदि आप भी फिक्स्ड डिपॉजिट में निवेश करते हैं, तो नए नियमों को समझकर सही योजना बनाना बेहतर रहेगा।